हिमालयन जंगली उत्पादों के मूल्य संवर्धन से बने उच्च उत्पादों का ब्रांड माउंटेन बीम (MOUNTAIN BEAM)

हिमालयन ऐक्शन रिसर्च सेंटर एवं उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रोद्योज्ञिकी परिषद (UCOST) के भारत सरकार के NMHS परियोजना के अंतर्गत संयुक्त तत्वाधन में हिमालयन जंगली उत्पादों के मूल्य संवर्धन से बने उच्च उत्पादों का ब्रांड माउंटेन बीम (MOUNTAIN BEAM) का लौंचिंग सामुदायिक सुविधा केंद्र हार्क कालेश्वर चमोली में माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के द्वारा विधिवत रूप से किया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हार्क के माध्यम से आयपरख स्त्रोतों मे वृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयास यहाँ के लोगों की आजीविका को सुढ़ृड करनें में मददगार साबित हो सकते हैं और हार्क का यह कदम यहाँ के विकास में मील का पत्थर साबित तो होगा ही, अपितु उत्तराखंड राज्य के लिए एक मॉडल भी बनेगा। जिस ग्रोथ सेंटर (growth centre) की मुख्यमंत्री जी परिकल्पना करते है, हार्क अलकनंदा स्वायत्त सहकारिता उसका एक सटीक उदाहरण है। जिसमे स्थानीय किसानो को आय सर्जक गतिविधियों से जुड़नें का मौका मिलता है,और साथ ही साथ खेती व स्थानीय उत्पादों से मूल्य संवर्धन से जुड़ी जानकारी प्राप्त होती है। कार्यक्रम के तहत परियोजना द्वारा तैयार किए गए 14 उच्च मूल्य उत्पादों व तुलसी तेल सॉफ्ट जेल कैप्सूल का भी विमोचन माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। कर्णप्रयाग विधायक श्री एस एस नेगी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पादों को धरातल पर उतारने के लिए हार्क की सराहना की। बतोर विशिष्ट अतिथि श्री धन सिंह रावत जी ने हार्क के रणनीति और कार्ययोजना को सराहा। इस अवसर पर हार्क अलकनंदा स्वायत्त सहकारिता की कोशाध्यक्ष श्रीमती उषा सिमल्टी जी द्वारा समिति के कार्यो पर प्रकाश डाला गया। ये उत्पाद ऑनलाइन सेल (www.switchon.co.in) पर भी उपलब्ध हैं। UCOST के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल जी द्वारा नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्टडीज़ (NMHS) के लक्ष्य पर प्रकाश डाला गया।

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Recent Activities

"State of Art Nursery"

The Indian Himalayan Region (IHR), which is called Water Tower of Asia, is a significant Climate regulator for much of Asia. Over last two decades annual mean temperature of earth has increased by 1.5°C, bu28954381 580214005666911 9062749802856166834 ot of more concern is the rate of warming in Himalayas which is more than the global average, making it most vulnerable region to climate change. Climate change is threatening both the mountain ecosystem and mountain communities to a great extend, and in an effort to sustain balance of these biodiversities, at Uttarakhand a program was initiated in January 2018 under National Mission on Himalayan Studies by Himalayan Action Research Centre (HARC) to promote livelihoods of mountain communities, where climate resilient temperate fruit crops are being introduced in the three districts of the region viz. Naugaon, Chakrata and Kapkot.


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These regions are hilly regions where apple is a major source of livelihood, but the farmers of these regions have not yet switched to climate resilient varieties of apple. So through our livelihood project within three months 9706 apple trees in orchards of 141 farmers across 22 villages of three blocks were grafted with different low-chilling apple varieties (Super Chief, Scarlet Spur II, Oregan Spur II and Gale Gala, etc.). Also, a “state-of-the-art” nursery is established at 0.5 Ha area of Magra located farm of State Horticulture Department,Uttarakhand, where a nursery of around 20000 apple plants is established (including apple grafted with low-chilling cultivars) along with nursery of walnut plants which in future will produce 29060690 580214155666896 2259001601763683273 ominimum 15000 walnut seedlings for our farmer beneficiaries. Our aim is to sustain livelihood of approx. 1000 farmers in changing climatic conditions through innovation in temperate horticulture and soil health management in Uttarakhand. Other associated impact of this project can be decrease in migration rate of hill communities, some balance created in rate of warming due to tree cover and maybe some recovery in water table and soil erosion in the region.